9 zilhaj rozon ki fazilat,bakra eid ka roza
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ज़िल हिज्जा के महीने की फज़ीलत और तारीफ
इस महीने में एक रोज़ा ऐसा है जिसका षवाब 2000 ग़ुलाम
आज़ाद करने 2000की कुर्बानी और राहे खुदा में सवारी के लिए दिए गए 2000 घोड़ों के सवाब के बराबर हैं
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ह़दीसे पाक में है की हज़रते आइशा रदी अल्लाह अन्हा से मरवी है एक नौजवान अहादीस ए रसूल ﷺ को सुना करता था जब ज़िल हिज्जा का चांद नजर आया तो उसने रोजा रख लिया
जब ह़ुज़ूर ﷺ को यह खबर मिली तो आपने उसे बुलाया और पूछा तुझे किसने इस बात पर आमादा किया कि तूने रोजा रख लिया उसने अर्ज़ की या रसूल अल्लाह ﷺ मेरे मां बाप आप पर कुर्बान हों यह ह़ज व कुर्बानी के दिन हैं शायद कि अल्लाह तआला मुझे भी उनकी दुआओं में शामिल फरमाले
आप ﷺने फरमाया तेरे हर दिन के रोजा का सवाब 100 गुलाम आजाद करने के बराबर 100 ऊंटों की कुर्बानियों और
राहे खुदा में दिए गए 100 घोड़ों के अजर के बराबर है
और जब आठवीं जिलहिज्जा का दिन होगा तो तुझे उस दिन के रोजा का सवाब हजार गुलाम आजाद करने हजार ऊंट की
कुर्बानी करने और राहे खुदा में सवारी के लिए हजार घोड़े दिए जाने के बराबर सवाब हासिल होगा
और जब नविं ज़िल हिज्जा का दिन होगा तो तुझे उस दिन के रोज़ा का सवाब 2000 गुलाम आजाद करने दो हजार ऊंटों की कुर्बानी
और राहे खुदा में सवारी के लिए दिए गए दो हज़ार घोड़ों के सवाब के बराबर होगा सुबहान अल्लाह सुबहान अल्लाह
बहुत प्यारी हदीस आप हजरात नें सुनी और पड़ी अल्लाह पाक से दुआ है की अल्लाह पाक अपने हबीबﷺ के सदके
में हम और आपको अमल की तौफीक अता फरमाए
अल्लाह पाक अपने हबीब ﷺ के सदके में मेरे और आपके छोटे बड़े गुनाह मुआ़फ फरमाए आमीन
गुजारिश है कमेंट में आमीन जधरूर लिखिए
पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया अगर पोस्ट अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के पास जरूर शेयर कीजिएगा
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