imam hussain manqabat mab p5

 imam hussain manqabat mab p5

Jab qalbe Mustafa Mein hai ulfat Hussain ki


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منقبت امام حسین رضی اللہ عنہ


جب قلب مصطفی میں ہے الفت حسین کی

پھر سوچیٔے کہ  کیا ہے  فضیلت حسین کی


سردار  ؛  پر  یزید  کو  ہرگز  دیا  نہ   ہاتھ

مثبت ہے  دو  جہاں پہ صداقت حسین کی


جب  جان  اپنی  راہ  خدا  میں  نثار  کی

فردوس  بن  گئی  ہے  سکونت حسین کی


وہ   ذات     ترجمان   حدیث    وفا   ہوئی

ہے نقش جس کے دل میں محبت حسین کی


ان  کے  لہو کا  حسنِ تقدس  نہ پوچھیٔے

سمجھے گا کؤن کیا ہے حقیقت حسین کی


شبلی  اس  عہد نو کی  ترقی  کو آج کل

ہے ہر قدم پہ اب بھی ضرورت حسین کی




इमामे हुसैन मनक़बत हिंदी



जब क़ल्बे  मुस्तफा में है उल्फत   हुसैन की

फिर सोचिए कि क्या है फज़ीलत हु़सैन की


सरदाद पर यजीद को हरगिज़ दिया ना हाथ

मुसबत है दो जहां  में   सदाक़त  ह़ुसैन की


जब जान  अपनी राहे  खुदा मैं  निसार  की

 फिर  दोस  बन   गई   है  सुकून  हुसैन  की


वोह   ज़ात  तर्जुमा   ने   ह़दीसे   वफा   हुई

है नक्श जिसके दिल में मोहब्बत हुसैन की


उनके  लहू  का  हुस्ने  तक़द्दुस  ना   पूछिए

समझेगा कौन  क्या है  हकीकत  हुसैन की


शिबली इस अ़हदे नौ की तरक्क़ी को आजकल

है  हर  कदम पे  अब  भी  ज़रूरत    हुसैन  की


Imam Hussain manqabat


Jab qalbe Mustafa Mein hai ulfat Hussain ki

FIR sochiye ki kya hai fazilat Hussain ki


Sardad  per  yazeed ko  har giz  Diya  na  hat

Musbat hai do Jahan Mein sadaqat Hussain ki


Jab Jaan apni Rae khuda Mein nisar ki

FIR dos ban gai hai sukunat Hussain ki


Vah zaat tarjuma ne hadees e Wafa Hui

Hai naqs jis ke Dil Mein mohabbat hussain ki


Unke lahu ka Husne taqddus na puchiye

Samjhega Kaun kya hai Haqeeqat Hussain ki


Shibli is ahad e nao ki taraqqi ko  aajkal

Hai har kadam pe ab bhi zarurat Hussain ki



Mohd Azad Rza Barkati



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