ashura ka roza kab rakha jata hai
आज की पोस्ट
आशूरा का रोजां कब होता है और उसकी फजीलत
दोस्तों आशूरा का दिन मोहर्रम की किस तारीख को होता है इसमें उलमा का एखतिलाफ है अक्सर उलमा का कौ़ल यह है कि मोहर्रम की दसवीं तारीख को ही यऊमे आशूरा कहते हैं
बाज़ उलमा ने 11वीं तारीख को आशूरा कहा है और हजरते आयशा सिद्दीका रजि अल्लाहु अनहा से जो कौल मनकूल है उसमें नवीं तारीख मोहर्रम को आशूरा होने का जिक्र है
और एक दूसरी हदीस में हज़रते इब्ने अब्बास का कौल यूं आया है कि रसूलुल्लाहﷺने खुद भी दसवीं दिन रोजा रखा और उस दिन रोजा रखने का हुकम भी सादिर फरमाया सहाबा इकराम ने आर्ज किया या रसूल अल्लाहﷺ यहूदोनसारा इस दिल को बड़ा और बुजुर्ग जानते हैं
तो हुज़ूरﷺने इरशाद फरमाया कि आइंदा साल होगा तो इंशाल्लाह हम नवमी मोहर्रम को रोजा रखेंगे लेकिन आइंदा साल आने से पहले ही हुजूर ने विसाल फरमाया
ह़ज़रात मालूम हुआ की 9 और 10 तारीख को दोनों दिन रोजा रखना चाहिए इसलिए 10 तारीख को हुजूर ने रखने का हुक्म फरमाया और नव को फरमाया आपने कि आइंदा साल में भी रोजा रखूंगा
और आइंदा साल आप सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम ने विसाल फरमाया तो इससे मालूम हुआ कि मोहर्रम के दो रोजे रखने चाहिए 9 और 10
आइए दुआ कर लेते हैं अल्लाह पाक से दुआ है कि अल्लाह पाक अपने हबीबﷺ के सदके में और मुहर्रम शरीफ के आयाम के सदके में हम मोमिनों के छोटे बड़े गुनाह मुआ़फ फरमाए घरों में दुकान में खूब बरकत अता फरमाए आमीन
पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के पास जरूर शेयर कीजिएगा
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