gause pak ka ruqaa sharif,dua gause azam

dua gause azam


आज की पोस्ट
रुक़आ़ सय्यिदिना हुज़ूर ग़ौसे आ़ज़म रदि अल्लाहु तआ़ला अनहु का ख़ास बुखार के लिए

दोस्तों बुजुर्गों की निस्बत ही काफी हुआ करती है अगर वह कोई वजीफा बता दे तो बहुत ही खास हुआ करता है अगर उस पर कोई अमल कर लेता है तो इंशाल्लाह वह कामयाब हो जाया करता है

और इस अ़मल को निस्बत है सरकार ग़ौसे आ़ज़म रदियल्लाहु तआ़ला अनहू से सरकार ग़ौसे आ़ज़म वोह अ़जीम शख्सियत हैं की शैतान भी आपका नाम सुनकर कांपता है और जहां भी
आपका नाम मुबारक लिया जाता है वहां से सारी बलाऐं भाग जाया करती हैं अल्लाह पाक के करम से

चलिए अब चलते हैं अ़मल की तरफ अगर बुखार है किसी किस्म का भी बुखार हो यह कलमाल लिखकर पिलाएं इंशाल्लाह बुखार चला जाएगा

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
یَا حَیُّ یَا قَیُّوْمُ
या ह़य्यु या क़य्यूमु

लिखकर गोली बनाकर मरीज को खिला दें और रुक़आ़ शरीफ लिखकर गले में डालें

رقعہ شریف रुक़आ़ शरीफ

برادرم تپ را غلام میراں محی الدین غوث الثقلین آنکہ اگر در وجود( فلاں بن فلاں ) خواری ماندفردا در گور قاضی رشوت خوار گرفتار خواهد شد خبر کردن شرطست بگر یز بگر یز بگریز

फलां बिन फलां की जगह मरीज़ का और उसकी वालिदा का नाम लिखें
यह रुबई तीन बार लिखकर गले में डाले और हस्बे हैसियत यानी अपनी हैसियत के मुताबिक ग़ौसे पाक रजि अल्लाहु तआ़ला अन्हू की नियाज़ भी दिलाएं 

इंशा अल्लाह बहुत जल्द आराम मिलेगा

पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के पास जरूर शेयर कीजिए

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