10 mohharam ko yah 3 kam Karen, आशूरा की खास इबादत

10 mohharam ko yah 3 kam Karen


आज की पोस्ट
यऊमे आशूरा की रात और उस दिल खर्च करने की फजीलत

दोस्तों आशूरा की रात और उसके दिन हर घड़ी हर साअ़त बहुत बरकत वाली और रहमत वाली होती है और इसमें खर्च करने से अल्लाह ताला उससे बहुत ज्यादा अता फरमाता है

दोस्तों हदीस ए मुकद्दस है कि हजरत अली रजि अल्लाह तआ़ला अनहू से मरवी है कि हुजूरﷺ ने फरमाया जिसने आशूरा की शब यानी रात इबादत की तो अल्लाह ताला जब
तक चाहेगा उसको जिंदा रखेगा

और हजरत सुलेमान बिन ऐ़निया ने बरवायत जाफर कूफी राहीम बिन मोहम्मद (जो अपने जमाने में कूफा के बहुत बड़े बुजुर्ग समझे जाते थे) से रवायत की है कि मुझे खबर मिली है की आशूरा के दिन जो शख्स अपने घर वालों के खर्च में फराखी व वुसअ़त पैदा करता है

अल्लाह पाक पूरे साल उसको फराखी और वुसअत अता फरमाता है हमने 50 साल से बराबर इसका तजुर्बा किया है
और हमेशा रोजी की फराखी ही मयस्सर हुई और

और यही हदीसे पाक हजरते अब्दुल्लाह से भी मनकूल है कि जिसने आशूरा के दिन रोजा रखा उसने साल भर के अपने फौत शुदा सदका को पा लिया

और यह़्या बिन कसीर का कौल है कि जिसने आशूरा के दिन सुरमा लगाया उसकी आंखों में साल भर तक अशोक नहीं होगा

और अबून नसर ने अपनी वालिदा वा वालिद की सनद से अबू गलीत अजमी से बयान किया है कि रसूल अल्लाहﷺने मेरे घर पर एक सरद ममूला को देखा तो फरमाया कि सबसे पहले इस परिंदे ने आशूरा का रोजा रखा

और जंगली जानवर भी आशूरा का रोजा रखते हैं ह़दीसे पाक है क़ैस बिन अ़बादह ने फरमाया की जंगली जानवर भी आशूरा के दिन रोजा रखते हैं

हजरत अबू हुरैरा की रवायत है कि रसूलुल्लाहﷺने इरशाद फरमाया माहे रमजान के बाद रोजों का सबसे अफजल महीना वह है जिसको मोहर्रम कहा जाता है और फर्ज नमाज और वुस्त शब की नमाज़ के बाद सबसे अफजल नमाज़ यऊमें आशूरा की है 

हजरत अली रजि अल्लाहु अनहू से मरवी है कि रसूले खुदाﷺ ने इरशाद फरमाया कि खुदा के महीने यानी मोहर्रम में अल्लाह तआला ने कुछ लोगों की तौबा कबूल फरमा ली और कुछ लोगों की तौबा कुबूल फरमा लेगा

दोस्तों अल्लाह तबारक बताआला कितना मेहरबान है कि हम अपने ही लोगों पर खर्च करें आशूरा के दिन और अल्लाह तबारक व ताला हमें उससे ज्यादा रिजक़ अता फरमाए और येभी पता चला कि आशूरा के दिल अल्लाह तआला तोबा भी कुबूल फरमा लेता है

अल्लाह पाक से दुआ है कि अल्लाह पाक गुनहगारों को सच्ची तौबा की तौफीक अता फरमाए और हम सबको आशूरा की कद्र करने की तौफीक अता फरमाए आमीन

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