10 Muharram ki khas namaj,ashura ki namaz
आज की पोस्ट
यऊमे आशूरा की नमाज़ की फजीलत
दोस्तों नमाज की बड़ी फजीलत है इसलिए की नमाज में खालिस अल्लाह तआला की रजा हासिल होती है इंसान जब नमाज पढ़ता है तो अल्लाह पाक के बहुत करीब हो जाता है
और नमाज ही के जरिए से अल्लाह को राजी किया जासकता है
दोस्तों आशूरा के दिन 4 रकआत नमाज़ की भी बहुत फजीलत आई है हदीसे पाक में है जिसने आशूरा के दिन 4 रकात नमाज़ इस तरह पढ़ी कि हर रकात में एक दफा सूरह
फातिहा और 50 बार सूरह एखलास पड़ी
अल्लाह पाक उसके 50 बरस गुजरे हुए के और 50 बरस आने वाले गुनाह माफ फरमाए गा मला ए आ़ला मैं उसके लिए नूर के हजार महल तामीर कराएगा और
एक और हदीस में है कि चार रकातें 2 सलामों के साथ लिखी हुई है हर रकात में सूरह फातिहा सुरह ज़िलज़ाल सूरह काफिरून और सूरह इखलास ऐक ऐक दफा और नमाज़ से फरागत के बाद 70 बार दुरूद शरीफ पढ़ना मजकूर है यह रिवायत हजरत अबू हुरैरा से मरवी है
एक और हदीसे पाक हज़रते अबू हुरैरा रदिअल्लाहु तआला अनहू से रवायत है कि रसूलुल्लाहﷺने इरशाद फरमाया की बनी इसराइल पर साल में 1 दिन यानी आशूरा के दिन रोजा फर्ज किया गया था तुम भी इस दिन रोजा रखो और अपने घरवालों के खर्च में इस रोज फराखी रवा रक्खो
जिसने इस दिन अपने घर वालों के खर्च में वुसअ़त पैदा की तू अल्लाह तआला उसको पूरे साल आसूदगी कशाइश अ़ता फरमाता है और फरमाया जिसने इस दिन रोजा रखा तो वह रोजा उसके 40 साल के गुनाहों का कफ्फारा हो जाएगा
और जो शख्स शबे आशूरा में रात भर इबादत में मशगूल रहे और सुबह को वह रोजा से हो तो उसको इस तरह मौत आएगी कि उसको मरने का एहसास भी ना होगा सुबहान अल्लाह
सूबहान अल्लाह जरा सोचिए कि हम 4 रकात नमाज पढ़े अल्लाह तआला हमारे आने वाले 50 सालों के गुनाह बख्श दे और जो रोजा रखे उसकी मौत में आसानी हो तो क्यों ना हमें
नमाज और रोजा रखना चाहिए अल्लाह पाक से दुआ है कि अल्लाह अपने हबीबﷺ के सदके में हम मोमिनो को इस पर अमल पैरा होने की तौफीक मरहमत फरमाए आमीन
पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों तक जरूर शेयर कीजिए
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