ashura ki fazilat, मौत के सिवा हर बीमारी से शिफा,ऐक काम 60साल की इबादत का सवाब

ashura ki fazilat


आज की पोस्ट 
आशूरा की फजीलत एक रोजा
60 बरस की इबादत का सवाब

दोस्तों हदीस ए पाक में है कि हज़रते इब्ने अब्बास रजि अल्लाहु तआला अनहू से एक रिवायत इस तरह है की रसूलुल्लाहﷺने इरशाद फरमाया जिसने आशूरा का रोजा
रखा है उसके लिए 60 बरस की इबादत का सवाब अल्लाह पाक लिख देता है

आशूरा का रोजा रखने वाले को अल्लाह ताला 60 साल कि इबादत का सवाब लिखता लिखता है आगे फरमाते हैं और
जिसने आशूरा का रोजा रखा उसको हज़ार शहीदों का सवाब दिया जाता है और जिसने आशूरा का रोजा रखा अल्लाह पाक उसके लिए सातों आसमानों के फ्रिस्तों का सवाब लिख देता है और जिसने आशूरा के दिन किसी मुसलमान का रोजा खुलवाया गोया उसने तमाम उम्मते मोहम्मदिया का रोजा खुलवाया

और सब के पेट भरवा दिये जिसने आशूरा के दिन किसी यतीम के सर पर हाथ फेरा तो यतीम के सर के हर बाल के बदले जन्नत में उसका मर्तबा बुलंद किया जाएगा

और एक दूसरी हदीस हजरत उमर रजि अल्लाहच तआला अनहू ने अर्ज किया या रसूल अल्लाहﷺ अल्लाह पाक ने
आशूरा के रोजा के साथ हमको बड़ी फजीलत अता फरमाइ

हुजूरﷺने इरशाद फरमाया हां ऐसा ही है क्योंकि इसी दिन अल्लाह पाक ने जमीन आसमान सितारों और पहाड़ों और लोह़ व कलम को पैदा फरमाया और जिब्राइल दूसरे मलाइका को इसी दिन पैदा किया

और हजरते आदम हजरते इब्राहिम को इसी दिन पैदा फरमाया हजरते इब्राहिम को आतिशे नंबरूद से इसी दिन निजात मिली फिरऔन को आशूरा के दिन ग़र्क किया गया
हजरत इदरीस को आशूरा के दिन आसमान पर उठाया हजरत अयूब के दुख दर्द को दूर किया इसी दिन

हजरते ईसा को इसी दिन आसमान पर उठाया और इसी दिन उनकी पैदाइश हुई हजरते आदम की तौबा भी इसी दिन कुबूल हुई हजरते दाऊद का गुनाह इसी दिन बख्शा गया हजरत सुलेमान को जिन्नात और इंसानों पर हुकूमत इसी दिन अता हुई खुद अल्लाह पाक आशूरा के दिन अर्श पर मुतमकिन हुआ

और आसमान से सबसे पहली बारिश आशूरा के दिन हुई जिस दिन आसमान से पहली मर्तबा रहमत नाजिल हुई वह आशूरा का दिन था जिसने आशूरा के दिन गुस़ुल किया मौत
के सिवा किसी बीमारी में मुबतला ना होगा 

और फरमाया जिसने आशूरा के दिन पत्थर का सुरमा आंख में लगाया तमाम साल उसकी आंख को आशु बे चश्म नहीं होगा जिसने इस दिन किसी की इयादत की गोया उसने तमाम औलादे आदम की इयादत की

और फरमाया जिसने आशूरा के दिन पत्थर का सुरमा आंख में लगाया तमाम साल उसकी आंख को आशु बे चश्म नहीं होगा जिसने इस दिन किसी की इयादत की गोया उसने तमाम औलादे आदम की इयादत की

और जिसने आशूरा के दिन किसी को  एक घूंट पानी पिलाया उसने गोया एक लम्हा को अल्लाह की नाफरमानी नहीं कि सुबहान अल्लाह सुबहान अल्लाह

अल्लाह तआला तमाम मोमिनीन को यौमे आशूरा के रोजे़ रखने और उसकी कद्र करने की तौफीक अता फरमाए और हदीसों पर अमल पैरा होने की तौफीक मरहमत फरमाए आमीन

पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया अगर मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर कीजिए

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